Monday, July 18, 2016

कृष्ण के अधीन नव गृह

कृष्ण के अधीन नव गृह।
******************
जो जीव एक बार श्री कृष्ण के शरणागत हो जाता है, उसे फिर किसी ज्योतिषी को अपनी ग्रहदशा और जन्म कुंडली दिखाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

इसके पीछे का विज्ञान तो यह है कि भगवान् के शरणागत जीव की रक्षा स्वयं भगवान् किया करते हैं।

और सब ग्रह, नक्षत्र, देवी देवता श्री कृष्ण की ही शक्तियाँ हैं, सब उनके ही दास हैं। इसलिए भक्त का अनिष्ट कोई कर नहीं सकता और प्रारब्ध जन्य अनिष्ट को कोई टाल नहीं सकता।

फिर भी कई बार हम अपने हाथों में में रंग-बिरंगी अंगूठियाँ पहनकर, जप, दान आदि करके हम अपने ग्रहों को तुष्ट करने में लगे रहते हैं।

श्रीकृष्ण हमारे सखा हैं।
आइये अब समझें कि किस ग्रह का हमारे सर्व समर्थ श्रीकृष्ण से कैसा संसारी नाता है।

जो मृत्यु के राजा हैं यम, वह यमुना जी के भाई हैं ,और यमुना जी हैं भगवान की पटरानी, तो यम हुए भगवान के साले, तो हमारे सखा के साले हमारा क्या बिगाड़ेंगे?

सूर्य हैं भगवान के ससुर (यमुना जी के पिता) तो हमारे मित्र के ससुर भला हमारा क्या अहित करेंगे?

सूर्य के पुत्र हैं शनि, तो वह भी भगवान के साले हुए, तो शनिदेव हमारा क्या बिगाड़ लेंगे?

चंद्रमा और लक्ष्मी जी समुद्र से प्रकट हुए थे। लक्ष्मी जी भगवान की पत्नी हैं, और लक्ष्मी जी के भाई हैं चंद्रमा, क्योंकि दोनों के पिता हैं समुद्र।
तो चन्द्रमा भी भगवान के साले हुए, तो वे भी हमारा क्या बिगाड़ेंगे?

बुध चंद्रमा के पुत्र हैं, तो उनसे भी हमारे प्यारे का ससुराल का नाता है। हमारे सखा श्रीकृष्ण बुध के फूफाजी हुए, तो भला बुध हमारा क्या बिगाड़ेंगे?

बृहस्पति और शुक्र वैसे ही बड़े सौम्य ग्रह हैं, फिर, ये दोनों ही परम विद्वान् हैं, इसलिए श्रीकृष्ण के भक्तों की तरफ इनकी कुदृष्टि कभी हो ही नहीं सकती।

राहु केतु तो बेचारे जिस दिन एक से दो हुए, उस दिन से आज तक भगवान के चक्र के पराक्रम को कभी नही भूले
भला वे कृष्ण के सखाओं की और टेढ़ी नजर से देखने की हिम्मत जुटा पाएँगे?

तो अब बचे मंगल ग्रह।
ये हैं तो क्रूर गृह, लेकिन ये तो अपनी सत्यभामा जी के भाई हैं।
चलो, ये भी निकले हमारे प्यारे के ससुराल वाले।
अतः श्रीकृष्ण के साले होकर मंगल हमारा अनिष्ट कैसे करेंगे?

इसलिए श्री कृष्ण के शरणागत को किसी भी ग्रह से कभी भी डरने की जरूरत नहीं!

संसार में कोई चाहकर भी अब हमारा अनिष्ट नहीं कर सकता।

इसलिए निर्भय होकर, डंके की चोट पर श्रीकृष्ण से अपना नाता जोड़े रखिए।

हाँ, जिसने श्रीकृष्ण से अभी तक कोई भी रिश्ता पक्का नहीं किया है, उसे संसार में पग-पग पर ख़तरा है।

उसे तो सब ग्रहों को अलग-अलग मनाना पडेगा। इसलिए ठाकुरजी
की शरण रहे और उनकी कृपा
से ही संभव होगा के अपने प्रभु पे आसक्ति रहे और अन्य जगह नहीं भटके तो वल्लभ के शरण रहिये
तो सब उन सब की कृपा से
अनुकूल रहेगे सब ग्रह।

।। जय श्री कृष्ण ।।

Friday, July 15, 2016

Hari OM

समस्त चराचर जगत आकाश तत्व के अंतर्गत है। वही आकाश जिसे असीम, अविनाशी व अनंत भी कहा जाता है। ईश्वर को भी तो हम इन्ही शब्दों से परिभाषित करने की कोशिश करते हैं। कृष्ण ने यानि की ईश्वर ने गीता में सभी का निवास स्थान अपने में बताया है।
आकाश तत्व में,से हम भीगे हुए हैं, घिरे हुए हैं और हम उसी में है। बाहर भी वही भीतर भी वही, चहुँ ओर वही। उसे जो नाम दे दें। नाम भी वही, अनाम भी वही। हरी ओम।

Wednesday, July 13, 2016

ईश्वर ने धर्म नहीं बनाये, ईश्वर ने तो केवल इंसान को बनाया था

तुम तीन अलग अलग अगरबत्ती लो और तीन कोनो में लगा दो, किसी कमरे में |
कमरे की हवा तो तीनो को ले के चलती है | तुम एक कोने में जाओ तुमको गुलाब
की खुशबू आयेगी, दुसरे मैं जाओ मोगरा महकेगा और फिर तीसरे कोने में जाओ तो चमेली | अगर हवा ही नहीं तो खुशबू कैसी, बिलकुल वैसे ही अगर हवा रुपी ईश्वर नहीं तो अगरबत्ती रुपी संप्रदाय किस काम के, ईश्वर एक ही है जैसे हवा एक ही है, खुशबू अनेक | 
फिर भी पैगम्बरों और फकीरों के अनुभव और आनंद सुगंध के अनुसार प्रथक हो सकते है लेकिन हम ये कैसे कह सकते है की मेरा अनुभव सुगंध है और आपका दुर्गन्ध क्योकि सुगंध हो या दुर्गन्ध दोनों का अस्तित्व तो हवा ही है |
हवा को बाटने का सामर्थ कही नहीं, निर्वात का अस्तित्व भी हवा का न होना ही है|


Wednesday, July 6, 2016

:         ऊँ         :

👉 ब्राह्मण  निर्धन  होगा  तो  बनेगा
" सुदामा "
✨ फिर एक दिन "श्री कृष्ण" उसकी
सेवा करेंगे !

👉 ब्राह्मण अपमानित होगा तो बनेगा
" चाणक्य "
✨ फिर  एक  दिन  नये  राज्य  कि
स्थापना कर देगा !

👉 ब्राह्मण सठिया जायेगा तो बनेगा
" परशुराम "
✨ फिर एकदिन पापियों का विनाश
कर देगा !

👉 ब्राह्मण  पढ़ेगा  तो  बन  जायेगा
" आर्यभट्ट "
✨ फिर  एक  दिन  पुरे  विश्व  को
0  ( ZERO ) दे जायेगा !

👉 ब्राह्मण जब वेद धर्म का विनाश
देखेगा तो बन जायेगा
" आदि शँकराचार्य "
✨ फिर एक दिन  वैदिक  धर्म  कि
स्थापना कर देगा !

👉 ब्राह्मण  जब  लोगों को  बीमार
देखेगा तो बन जायेगा
" चरक "
✨ फिर  एक  दिन  पुरे  विश्व  को
आर्युवेद दे जायेगा !

👉 ब्राह्मण ने हमेशा अपने ज्ञानके
प्रकाश से विश्व को प्रकाशित किया !

सतसत 🙏 प्रणाम है
ब्राह्मण समाज को ...............

कुछ  बात  है  कि  हस्ती
मिटती  नही  हमारी

Dedicated 2 All Brahmans

✨   ब्राह्मण धर्म
👉   वेद


✨   ब्राह्मण कर्म
👉   गायत्री

✨   ब्राह्मण जीवन
👉   त्याग

✨   ब्राह्मण मित्र
👉   सुदामा

✨   ब्राह्मण क्रोध
👉   परशुराम

✨   ब्राह्मण त्याग
👉   ऋषि दधिची

✨   ब्राह्मण राज
👉   बाजीराव पेशवा

✨   ब्राह्मण प्रतिज्ञा
👉   चाणक्य

✨   ब्राह्मण बलिदान
👉   मंगल पाण्डेय
         चन्द्र शेखर आज़ाद

✨   ब्राह्मण भक्ति
👉   रावण

✨   ब्राह्मण ज्ञान
👉   आदि गुरु शंकराचार्य

✨   ब्राह्मण सुधारक
👉   महर्षि दयानंद

✨   ब्राह्मण राजनीतिज्ञ
👉   कोटिल्य

✨   ब्राह्मण विज्ञान
👉   आर्यभट

✨   ब्राह्मण गणितज्ञ
👉   रामानुज

👳 👳 👳 👳 👳

👆 कर्म से : धर्म से : दान से :
: ज्ञान से : विज्ञान से :
👆 नाम से : जीवन से : मृत्यु से :
: भक्ति से : शक्ति से : मुक्ति से :
:आत्मा से : परमात्मा से :
: मूल्यों से : संस्कारो से : बल से :
: बुद्धि से : कौशल से : सम्मान से
👇
 ✊   विश्वास  से  ब्राह्मण  बनना
आरम्भ करिए तभी  अपने पूर्वजों
के  किये  गौरवशाली   कार्यों   पर
आप  गर्व कर पाएँगे  👆

💥   ब्राह्मण महिमा   💥

✨ ब्राह्मण : ब्रह्मा के मुख से
उत्पन्न सर्वोच्च वर्ण  ✨

१ ब्राह्मण का जन्म :
✨ भगवान् विष्णु का अंश अवतार

२ ब्राह्मण की विद्या :
✨ ज्ञान का अथाह सागर !

३ ब्राह्मण की बुद्धि :
✨ समस्त समस्याओं का समाधान

४ ब्राह्मण की वाणी :
✨ वेद का ज्ञान !

५ ब्राह्मण की शिक्षा :
✨ जीवन जीने की कला !

६ ब्राह्मण की दृष्टी :
✨ समभाव  !

७ ब्राह्मण की शिखा :
✨ संकल्पों का समूह !

८ ब्राह्मण की दया :
✨ संकटों का हरण !

९ ब्राह्मण की कृपा :
✨ भवसागर से तरने का साधन

१० ब्राह्मण का कर्म :
✨ सर्व जन हिताय !

११ ब्राह्मण का निवास :
✨ देवालय !

१२ ब्राह्मण के दर्शन :
✨ सर्वमंगल !

१३ ब्राह्मण का आशीर्वाद :
✨ समस्त सुखों : वैभवों की प्राप्ति !

१४ ब्राह्मण की सेवा :
✨ परलोक सुधारना !

१५ ब्राह्मण का वरदान :
✨ मोक्ष की प्राप्ति !

१६ ब्राह्मण का अस्त्र :
✨ श्राप !

१७ ब्राह्मण का शस्त्र :
✨कलम !

१८ ब्राह्मण को दान :
✨ सहस्त्रों पापों से मुक्ति !

१९ ब्राह्मण को दक्षिणा :
✨ सात पीढ़ी का उद्धार !

२० ब्राह्मण की संतुष्टी :
✨ सभी भयों से मुक्ति !

२१ ब्राह्मण की हुँकार :
✨ राजा 👑 महाराजाओं का
चरणागत 👣 🙌  होना !

२२ ब्राह्मण की  गर्जना :
✨ सर्व भूतों का संहार !

२३ ब्राह्मण का कोप :
✨ सर्वनाश !

२४ सर्व ब्राह्मण की एकता :
 ✨ सर्व शक्तिमान !

👐 जय महाकाल ...  🚩🚩🚩
👐 जय परशुराम ... 🚩🚩🚩